सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व नमक की तरह अनोखा होता है,
जिसकी उपस्थिति याद नहीं रहती, मगर
उसकी अनुपस्थिति प्रत्येक चीज को बेस्वाद बना देती है।
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जिस-जिस पर यह जग हंसा है,
उस ने इतिहास रचा है।
पिता की गरीबी और मां के पहनाए कपड़ों पर कभी शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए।
जहां तक रास्ता दिख रहा है,
वहां तक चलिए।
आगे का रास्ता,
वहां पहुंचने के बाद दिखने लगेगा।
जब लोग आप की नकल करने लगे,
तो समझ लेना चाहिए कि आप जीवन में सफल हो रहे हैं।
जो अपने कदमों की काबिलियत पर विश्वास रखते हैं,
वही अक्षर मंजिल पर पहुंचते हैं।
फिर हमेशा उस रास्ते पर चलती है जो रास्ता आसान लगता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भीड़ हमेशा सही रास्ते पर चलती है।
सही दिशा और सही समय का ज्ञान ना हो तो
उगता हुआ सूरज भी डूबता हुआ दिखाई देता है।
वेद पढ़ना आसान हो सकता है लेकिन जिस दिन आपने किसी की वेदना पढ़ लिया तो समझो जीवन सफल हो गया।
सोच विचार करने में समय लगाएं,
लेकिन जब काम करने का समय आए तो,
सोचना बंद करें और आगे बढ़े।
व्यक्ति अकेला पैदा होता है और अकेले मर जाता है, और वह अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भोगता है,
और वह अकेले ही ना किया स्वर्ग में जाता है।
यह सच है कि अपनों के साथ वक्त का पता ही नहीं चलता,
पर यह भी सच है कि वक्त के साथ ही अपनों का भी पता चल जाता है।
Motivational quotes in Hindi
काफी समय पहले की बात है दोस्तों
एक आदमी एक शहर में फस गया था।
वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह है अगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे अच्छे इंडस्ट्रीज लगा सकते होते और यहां पर कितने लोग नौकरी पा सकते थे।
वह व्यक्ति यह होता वह होता और वह होता तो शायद ऐसा होता सोच रहा था।
यहां इंसान थोड़ी आगे जाने के बाद उसे एक इंडस्ट्री दिखाई दी जिसमें काफी सारे लोग कार्य कर रहे थे।
वह उन्हें देख काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा।
कुछ समय बाद उसे एक बड़ा सा तालाब दिखाई दिया।
वही एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई स्रोत नहीं अब तुम्हारे पास पानी का स्त्रोत भी है अगर तुम चाहते हो यहां पर इंडस्ट्रीज लगा सकते हो पर व्यक्ति वहां से चला गया।
यह कहानी हमें क्या सिखाती है ?
जापानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि मैं यहां पर ऐसा हो और आपको वह सोशल मिल जाए तो क्या परिस्थिति को बदल सकते हो।
इस कहानी में यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थितियों को दोष देना जानते हैं अगर उनके पास उपयुक्त स्त्रोत हो तो भी वह परिस्थिति को नहीं बदलना चाहते हैं। वह सिर्फ एक दूसरे पर आरोप करना जानते हैं लेकिन हमें ऐसा नहीं बनना है दोस्तों।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो तो परिस्थिति को बदल सकते हो और अगर उसके लिए उपयोग साधन मिल जाएं तो आप अपना एक प्रश्न योगदान तो दे ही सकते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना घटती है तो आप अपना योगदान जरूर देंगे।